Explain a types of Mouse .

Types of Mouse in Hindi – माउस के प्रकार

There are many types of computer mice. Here’s a clear and simple guide in English:


1. Optical Mouse (ऑप्टिकल माउस)

An optical mouse uses a light (usually an LED) to track cursor movement over a surface.

  • Invented by Microsoft in 1999.

  • How it works: LED and sensors capture thousands of images per second.

  • Advantages: Affordable, accurate, works wired or wireless, and uses modern technology like DSP.

  • Disadvantages: Doesn’t work well on glass; its light can be distracting; dirt sticks to the bottom.


2. Mechanical Mouse (मैकेनिकल माउस)

Also known as a ball mouse, it uses a rubber ball underneath to control cursor movement.

  • How it’s used: Works well on smooth surfaces and does regular tasks like selecting files.

  • Advantages: Works on glass, very durable, accurate, and comfortable.

  • Disadvantages: Needs frequent cleaning, requires a flat surface, and prolonged use can strain your wrists.


3. Wireless Mouse (वायरलेस माउस)

Connects to the computer without cables using Bluetooth, Wi‑Fi, or RF signals.

  • History: First introduced in 1984 (e.g., Logitech Metaphor).

  • Advantages: Easy to use, reliable range, portable, no wires.

  • Disadvantages: More expensive than wired, unreliable if you move too far from the computer, and needs batteries or charging.


4. Wired Mouse (वायर्ड माउस)

A classic mouse that connects via USB cable.

  • Introduced: Around the 1960s.

  • Advantages: Easy to use, flexible, cheaper, often included for free with computers, and very reliable.

  • Disadvantages: You must sit close to the computer, needs a flat surface, and isn’t dust-resistant.


5. Laser Mouse (लेज़र माउस)

An advanced type of optical mouse that uses a laser for tracking.

  • First launched: By Logitech in 2004.

  • Usage: Popular among gamers and designers.

  • Advantages: Extremely precise, works on nearly any surface, durable, wired or wireless options.

  • Disadvantages: Generally more expensive.


6. Foot Mouse (फुट माउस)

A foot-controlled device that lets you move the cursor using your feet.

  • Purpose: Designed for users who can’t use their hands or want to type and control the cursor simultaneously.

  • Advantages: Frees up your hands, supports productivity, and is interesting for some gamers.

  • Disadvantages: Difficult to use, not very fast.


7. Trackball Mouse (ट्रैकबॉल माउस)

Features a stationary ball on top that you roll to move the cursor.

  • Invented: In 1946 by Ralph Benjamin.

  • Advantages: Works on any surface, very precise, space-saving, and ideal when desk space is limited.

  • Disadvantages: Can be hard to master, has a complex design, is usually costly, and needs regular cleaning.


8. Touchpad (टचपैड)

A touch-sensitive pad on laptops that functions like a mouse.

  • How it works: You glide your fingers to move the cursor and use built-in buttons.

  • Advantages: Easy to use, quick, and portable.

  • Disadvantages: Small working area and not suitable for desktop setups.


9. Joystick (जॉयस्टिक)

A stick-based input device used for navigating the cursor or gaming.

  • Invented: In 1926 by C. B. Mirick.

  • Advantages: Offers smooth movement in all directions, fast, intuitive, and ideal for gaming.

  • Disadvantages: Difficult to use precisely, fragile, and not very durable.


10. IntelliMouse (इंटेलीमाउस)

A specialized optical mouse introduced by Microsoft in 1996, also known as a “wheel mouse.”

  • Features: Includes two buttons and a middle scroll wheel (based on Mouse 2.0 design).

  • Advantages: Easy to use and provides fast input.

  • Disadvantages: Less flexible than modern mice.

 

Types of Mouse in Hindi – माउस के प्रकार

माउस के बहुत सारें प्रकार होते हैं जिनके बारें में नीचे दिया गया है –

  1. Optical Mouse (ऑप्टिकल माउस)
  2. Mechanical Mouse (मैकेनिकल माउस)
  3. Wireless Mouse (वायरलेस माउस)
  4. Wired Mouse (वायर्ड माउस)
  5. Laser Mouse (लेज़र माउस)
  6. Foot Mouse (फुट माउस)
  7. Trackball Mouse (ट्रैकबॉल माउस)
  8. Touchpad (टचपैड)
  9. Joystick (जॉयस्टिक)
  10. Intellimouse (इंटेलीमाउस)

1- Optical Mouse (ऑप्टिकल माउस)

Optical Mouse एक विशेष प्रकार का कंप्यूटर माउस होता है जिसमें कर्सर की movement (गति) को detect करने के लिए light (प्रकाश) का इस्तेमाल किया जाता है।

ऑप्टिकल माउस में LED लाइट होती है जो जमीन की सतह (surface) पर एक प्रकार की रोशनी पैदा (produce) करती है।

सरल शब्दो में कहे तो “ऑप्टिकल माउस एक इनपुट डिवाइस है जिसका इस्तेमाल कंप्यूटर की स्क्रीन पर cursor या pointer को घुमाने (move) के लिए किया जाता है।”

इस माउस का आविष्कार 1999 में microsoft के द्वारा किया गया था। ऑप्टिकल माउस एक पॉइंटिंग डिवाइस होता है जो कर्सर को move करने के लिए गेंद (ball) के स्थान पर LED light या सेंसर का उपयोग करता है।

ज्यादातर ऑप्टिकल माउस की light लाल होती है क्योंकि उसमें जो LED इस्तेमाल होती है वह सस्ती होती है तथा photodetectors लाल प्रकाश के प्रति अधिक sensitive (संवेदनशील) होते है।

यह माउस गैर चमकदार सतह पर अच्छे से काम करता है। ज्यादातर माउस वायरलेस होते है लेकिन कुछ वायर्ड भी होते है।

ऑप्टिकल माउस के फायदे

1- यह माउस एडवांस और मॉडर्न होते है।

2- यह वायर्ड और वायरलेस दोनों में उपलब्ध है।

3- यह ज्यादा महंगे नहीं होते जिसके कारण इन्हे खरीदना आसान हो जाता है।

4- इस माउस में एक प्रकार का कैमरा होता है जो एक सेकंड में हजार या उससे अधिक तस्वीरों को खीचने में सक्षम होता है।

5- यह माउस यूजर को अधिक सटीकता (accuracy) प्रदान करते है।

6- ऑप्टिकल माउस में एडवांस टेक्नोलॉजी का उपयोग किया जाता है। इसमें LED (लाइट एमिटिंग डायोड), ऑप्टिकल सेंसर और DSP (डिजिटल सिग्नल प्रोसेसिंग) का इस्तेमाल किया जाता है।

ऑप्टिकल माउस के नुकसान

1- यह माउस कांच वाली सतह पर अच्छे से काम नहीं करते।

2- इस माउस की सतह के निचे एक चमकदार रौशनी होती है जो यूजर को परेशान कर सकती है।

3- ऑप्टिकल माउस की सतह पर गंदगी आसानी से चिपक जाती है।

2 – Mechanical mouse (मैकेनिकल माउस)

Mechanical Mouse एक विशेष प्रकार का माउस होता है जिसके नीचे एक रबर की एक ball (गेंद) लगी रहती है। यह बॉल कर्सर को कंप्यूटर स्क्रीन पर घुमाने का काम करती है।

मैकेनिकल माउस को रबर बॉल माउस भी कहते हैं। इसमें रबर की एक गेंद होती है जिसके कारण इसे किसी भी direction (दिशा) में आसानी से घुमाया (move) जा सकता है।

मैकेनिकल माउस चिकिनी सतह (smooth surface) पर अच्छे से काम करता है और इसका वजन अन्य माउस की तुलना में भारी होता है।

इस माउस का उपयोग फाइलों को select करने के लिए, प्रोग्राम को ओपन करने के लिए, फाइलों को डिलीट करने के लिए और एप्लीकेशन को ओपन करने के लिए किया जाता है।

इस माउस का आकार ऑप्टिकल माउस के समान ही होता है और दोनों के कार्य करने का तरीका भी काफी समान होता है।

मैकेनिकल माउस के फायदे

1- मैकेनिकल माउस का उपयोग कांच वाली सतह पर किया जा सकता है।

2- इसका उपयोग करना आसान है।

3- यह माउस लम्बे समय तक चलते है।

4- यह माउस यूजर को अधिक सटिकता (accuracy) प्रदान करता है।

5- इस माउस का उपयोग करके यूजर को अच्छा अनुभव प्राप्त होता है।

मैकेनिकल माउस के नुकसान

1- इस माउस को नियमित रूप से साफ़ करना पड़ता है।

2- इस माउस का उपयोग करने के लिए सपाट सतह (flat surface) की ज़रूरत पड़ती है।

3- इस माउस का ज्यादा उपयोग करने से यूजर की हथेलियों (palms) में दर्द होने लगता है।

3- Wireless Mouse (वायरलेस माउस)

Wireless Mouse एक प्रकार का माउस होता है जिसे कंप्यूटर के साथ जोड़ने के लिए वायरलेस तकनीक जैसे (ब्लूटूथ , Wi – Fi , रेडियो तरंगे (signal) और RF (रेडियो फ्रीक्वेंसी) का उपयोग किया जाता है।

दुसरे शब्दो में कहे तो “वायरलेस माउस एक ऐसा माउस होता है जिसमें किसी भी प्रकार के wire (तार) का इस्तेमाल नहीं किया जाता।”

वायरलेस माउस में ट्रांसमिटर और रिसीवर का उपयोग किया जाता है जो सिग्नल को भेजने और प्राप्त करने में मदद करते है। ट्रांसमिटर का उपयोग सिग्नल को ट्रांसफर करने और रिसीवर का उपयोग सिग्नल को प्राप्त करने के लिए किया जाता है।

इस माउस को cordless mouse के नाम से भी जाना जाता है जो यूजर को कंप्यूटर के साथ संचार (communication) करने में मदद करता है।

पहले वायरलेस माउस का आविष्कार 1984 में हुआ था जिसका नाम Logitech Metaphor था।

यह माउस काफी ज्यादा विश्वसनीय (reliable) होते है जिनकी range काफी अच्छी होती है। यूजर इस माउस का उपयोग कमरे के किसी भी कोने से कर सकता है।

इस माउस में किसी भी प्रकार की केबल या वायर का उपयोग नहीं किया जाता जिसके कारण यूजर किसी भी दिशा में इस माउस को ले जा सकता है और घुमा सकता है।

इसके तीन प्रकार होते है पहला ऑप्टिकल माउस , दूसरा RF माउस और तीसरा ब्लूटूथ माउस।

वायरलेस माउस के फायदे

1- यह माउस यूजर फ्रेंडली होता है।

2- इसका उपयोग करना आसान है।

3- यह कंप्यूटर के साथ आसानी से कनेक्ट हो जाता है।

4- इस माउस में यूजर किसी भी स्थान से कंप्यूटर को इनपुट दे सकता है।

5- इन्हे कही पर भी ले जाया जा सकता है।

वायरलेस माउस के नुकसान

1- ये वायर्ड माउस की तुलना में महंगे होते है।

2- यह कम विश्वसनीय (reliable) होते है।

3- यदि यूजर माउस को कंप्यूटर से अधिक दूरी पर लेकर जाते है तो connection (सम्पर्क) अपने आप टूट जाता है।

4- यह ज्यादा लम्बे समय तक नहीं चलते।

4- Wired Mouse (वायर्ड माउस)

Wired Mouse एक विशेष प्रकार का माउस है जिसमें wire (तार) का इस्तेमाल कंप्यूटर से जुड़ने के लिए किया जाता है।

दूसरे शब्दों में कहें तो, “वायर्ड माउस एक प्रकार का इनपुट डिवाइस है जो एक USB केबल के माध्यम से कंप्यूटर सिस्टम के साथ कनेक्ट होता है।”

यह एक ऐसा माउस है जो सीधे (direct) आपके कंप्यूटर सिस्टम के साथ जुड़ता है और USB port के माध्यम से कंप्यूटर को इनपुट प्रदान करता है।

यह माउस तेज गति से कंप्यूटर को इनपुट या कमांड देता है। यह एक लोकप्रिय माउस है जिसका इस्तेमाल ज्यादातर घरो और ऑफिस में किया जाता है।

यह यूजर को अधिक सटीकता (accuracy) प्रदान करता है। यह वायरलेस माउस की तुलना में अधिक विश्वसनीय (reliable) होता है क्योकि यह डायरेक्ट कंप्यूटर के साथ जुड़ता है जिसके कारण सम्पर्क टूटने की संभावना कम होती है।

इस माउस को 1960 में जर्मनी के एक engineer के द्वारा विकसीत (develop) किया गया था।

वायर्ड माउस के फायदे

1- वायर्ड माउस का उपयोग करना आसान होता है।

2- यह अधिक लचीला (flexible) है।

3- यह वायरलेस माउस की तुलना में सस्ता है।

4- यह नए कंप्यूटर के साथ मुफ्त में मिलता है।

5- यह वायरलेस माउस की तुलना में तेज गति (speed) से कार्य करता है।

वायर्ड माउस के नुकसान

1- इसका उपयोग करने के लिए सपाट सतह की आवश्यकता पड़ती है।

2- वायर्ड माउस का उपयोग धूल वाली जगहों पर नहीं किया जा सकता।

3- इस माउस का उपयोग करने के लिए यूजर को कंप्यूटर के पास बैठना पड़ता है।

5- Laser Mouse (लेज़र माउस)

यह एक ऑप्टिकल माउस है जो माउस की गति (movement) का पता लगाने के लिए लेज़र लाइट का उपयोग करता है।

लेज़र माउस एक pointing device होता है जिसमें यूजर के हाथ की गति (movement) का पता लगाने के लिए एक ball के बजाय लेज़र लाइट का प्रयोग किया जाता है।

इस माउस का आविष्कार 2004 में Logitech के द्वारा किया गया था। लेज़र माउस का उपयोग गेमिंग, ग्राफिकल या इंजीनियरिंग डिजाइन के लिए किया जाता है।

अन्य माउस की तुलना में यह माउस अधिक महंगे होते है लेकिन इनकी performance भी काफी अच्छी होती है।

इस माउस की निचली सतह (surface) पर लाल रंग की एक लाइट होती है जो कंप्यूटर स्क्रीन पर कर्सर में घुमाने (move) मदद करती है।

यह माउस अधिक टिकाऊ होते है जो लम्बे समय तक चलते है। यह वायर्ड और वायरलेस दोनों में उपलब्ध है।

लेज़र माउस के फायदे

1- यह यूजर को अधिक सटीकता प्रदान करता है।

2- इसका उपयोग किसी भी प्रकार की सतह में किया जा सकता है।

3- यह एक एडवांस और मॉडर्न माउस है।

4- इसका इस्तेमाल करना आसान है।

5- यह लम्बे समय तक चलते है।

लेज़र माउस का नुकसान

1- यह अन्य माउस की तुलना में महंगा होता है।

6– Foot Mouse (फुट माउस)

यह एक प्रकार का कंप्यूटर माउस है जिसमे यूजर अपने पैरो का उपयोग करके कर्सर को नियत्रित कर सकता है।

सरल शब्दो में कहे तो “फुट माउस एक इनपुट डिवाइस है जिसमे यूजर अपने पैरो के माध्यम से कंप्यूटर को इनपुट देता है।”

इस माउस को इसलिए विकसित किया गया है ताकि यूजर अपने हाथो में माउस के स्थान पर कीबोर्ड रख सके और पैरो से कंप्यूटर को इनपुट दे सके।

इस माउस का उपयोग उन लोगो के द्वारा ज्यादा किया जाता है जो अपने हाथो का उपयोग नहीं कर पाते।

फुट माउस के फायदे

1- इस माउस में कंप्यूटर को कमांड देने के लिए हाथो की आवश्यकता नहीं पड़ती।

2- यह productivity (उत्पादकता) को बढ़ाने में मदद करता है।

3- यह gamers के लिए लोकप्रिय होता है।

फुट माउस के नुकसान

1- इसका उपयोग करना मुश्किल होता है।

2- इसमें यूजर कंप्यूटर को तेज गति से कमांड नहीं दे सकता।

7- Trackball Mouse (ट्रैकबॉल माउस)

Trackball mouse एक हार्डवेयर डिवाइस है जिसका इस्तेमाल नोटबुक, लेपटॉप और कंप्यूटर में किया जाता है।

ट्रैकबॉल माउस एक इनपुट डिवाइस होता है जिसका उपयोग कंप्यूटर और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस में इनपुट देने के लिए किया जाता है।

इस माउस को Trackball Mouse इसलिए कहते हैं क्योंकि इसमें एक ball लगी रहती है जो कर्सर की movement (गति) को track करती है।

ट्रैकबॉल माउस का सबसे बड़ा फायदा यह है की हमे कर्सर को घुमाने के लिए पुरे माउस को घुमाने की आवश्यकता नहीं पड़ती। इसमें जो गेंद होती है हम उसके माध्यम से माउस को बिना हिलाये कर्सर को किसी भी स्थान पर घुमा सकते है।

पहले ट्रैकबॉल का आविष्कार 1946 में Ralph Benjamin के द्वारा किया गया था। उस समय इस बाल का नाम रोलर बॉल रखा गया था।

इस माउस को कर्सर कण्ट्रोल डिवाइस के नाम से भी जाना जाता है जो किसी भी सतह (surface) पर आसानी से काम कर सकता है।

ट्रैकबॉल के फायदे

1- यह माउस तेज गति से कार्य करते है।

2- इस माउस का उपयोग किसी भी सतह पर किया जा सकता है।

3- यह यूजर को अधिक सटिकता (accuracy) प्रदान करते है।

4- इस माउस में कर्सर को घुमाने के लिए पुरे माउस को घुमाने (move) की आवश्यकता नहीं पड़ती।

5- इस माउस का उपयोग करने के लिए कम जगह की ज़रूरत पड़ती है।

ट्रैकबॉल माउस के नुकसान

1- इस माउस का उपयोग करना मुश्किल होता है।

2- इसका स्ट्रक्चर काफी जटील (complex) होता है।

3- अन्य माउस की तुलना में काफी महंगा होता है।

4- इस माउस को नियमित रूप से साफ़ करना पड़ता है।

8- Touchpad (टचपैड)

Touchpad एक इनपुट डिवाइस है जिसका उपयोग mouse के स्थान पर किया जा सकता है। इस डिवाइस का उपयोग मुख्य रूप से laptop में किया जाता है।

इस डिवाइस में यूजर अपनी उंगलियों का उपयोग करके कर्सर या पॉइंटर को किसी भी direction (दिशा) में घुमा सकता है।

माउस की तरह ही इसमें left और right दो बटन होते है जो किसी ऑब्जेक्ट को select करने में मदद करते है।

टचपैड का उपयोग करके यूजर object को select कर सकता है , किसी प्रोग्राम को open कर सकता है , और किसी फाइल को delete भी कर सकता है।

टचपैड के फायदे

1- टचपैड का उपयोग करना आसान होता है।

2- इसमें यूजर अपनी उंगलियों के माध्यम से कर्सर को किसी भी दिशा में घुमा सकता है।

3- यह काफी तेज होता है।

टचपैड के नुकसान

1- टचपैड में काफी सिमित जगह होती है जिसके कारण यूजर को समस्याओ का सामना करना पड़ता है।

2- यह डेस्कटॉप कंप्यूटर के लिए लोकप्रिय नहीं होते।

9- Joystick (जॉयस्टिक)

joystick एक प्रकार का इनपुट डिवाइस है जिसमे एक प्रकार की छड़ी (stick) होती है जो कर्सर को सभी दिशाओ में move करने में मदद करती है।

joystick माउस के समान होती है जो कंप्यूटर के कर्सर को नियंत्रित करने में मदद करती है। इस डिवाइस को कंप्यूटर के साथ जोड़ने के लिए USB पोर्ट का उपयोग किया जाता है।

हमारे पास विभिन्न प्रकार के USB पोर्ट उपलब्ध है जैसे :- ब्लूटूथ, सीरियल पोर्ट, USB, गेम पोर्ट आदि।

जॉयस्टिक का आविष्कार 1926 में C. B. Mirick के द्वारा किया गया था।

जॉयस्टिक के फायदे

1- यह डिवाइस यूजर को सभी दिशाओ में कर्सर को move करने में मदद करता है।

2- यह तेज गति से कार्य करता है।

3- इसमें navigate करना आसान है।

4- यह डिवाइस गेम खेलने के लिए लोकप्रिय है।

जॉयस्टिक के नुकसान

1- इसका उपयोग करना मुश्किल होता है।

2- यह डिवाइस आसानी से टूट जाते है।

3- यह लम्बे समय तक नहीं चलते।

10- Intellimouse (इंटेलीमाउस)

यह ऑप्टिकल माउस का एक प्रकार है जिसका निर्माण 1996 में microsoft के द्वारा किया गया था।

intellimouse को स्क्रॉल माउस या व्हील माउस के नाम से भी जाना जाता है। यह माउस सामान्य माउस की तरह होता है जिसमे दो बटन के बीच एक scroller wheel होता है जो उपर निचे करने में मदद करता है। इस माउस का डिज़ाइन माउस 2.0 पर आधारित था।

इंटेलीमाउस के फायदे

1- इस माउस का उपयोग करना आसान होता है।

2- यह तेज गति से कंप्यूटर को इनपुट देता है।

IntelliMouse के नुकसान

1- यह माउस कम लचीला होता है।

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