How many types of computers ?

Types of Computers –  in English

There are mainly 9 types of computers. Let’s understand them one by one in simple language:

1. Micro Computer

A microcomputer is a small-sized computer designed for use by one person at a time.

In simple terms, a microcomputer uses a microprocessor as its CPU. It is smaller in size compared to mini and mainframe computers.

These computers are lightweight, affordable, and support multitasking. You can browse the internet, work on documents, listen to music, and more—all on a microcomputer.

The first microcomputer was developed in the 1970s. It is also used in home appliances like microwaves, TVs, and refrigerators.

Examples:

  • Smartwatch
  • Laptop
  • Desktop
  • Tablet
  • Smartphone

Key Features:

  • Small and portable
  • Affordable and easily available
  • Meant for single users
  • Uses semiconductor chips
  • Supports various software applications

2. Mini Computer

Mini computers are mid-sized computers—larger than microcomputers but smaller than mainframes.

They support multiple users at the same time and are capable of handling several tasks simultaneously. Mini computers are more powerful than microcomputers but less powerful than mainframes.

They were first developed by IBM in the 1960s and usually come with multiple processors.

Examples:

  • IBM AS/400
  • Honeywell 200
  • Motorola 68040
  • MV 1500

Key Features:

  • Portable and lightweight
  • More affordable than mainframes
  • High-speed performance
  • Long-lasting battery
  • Supports 4 to 200 users at once

3. Mainframe Computer

Mainframe computers are large and highly powerful systems capable of storing and processing huge amounts of data.

They use multiple microprocessors for faster processing and can support many users at once. IBM introduced the first mainframe in the 1950s.

They are commonly used in government offices and large companies for data storage and operations.

Examples:

  • IBM zSeries
  • System z9/z10
  • ICL 39
  • CDC Cyber

Key Features:

  • Expensive but highly reliable
  • Large storage capacity
  • Consistent performance
  • Rarely encounter errors
  • Operates continuously 24/7

4. Analog Computer

Analog computers are designed to measure physical quantities like temperature, speed, pressure, etc.

These computers work with continuous data, not binary numbers. They’re used in devices like speedometers, thermometers, and industrial tools.

Examples:

  • Speedometer
  • Thermometer
  • Auto Gasoline Pump

Key Features:

  • Measures physical quantities directly
  • Can handle multiple values simultaneously
  • Slower processing speed
  • Performs basic arithmetic functions

5. Digital Computer

Digital computers work using binary code (0s and 1s). They process, store, and retrieve data at high speed and are widely used today in homes, offices, and education.

The first digital computers were built in the 1940s for mathematical calculations. Today, they’re used for many daily tasks.

Examples:

  • Apple Mac
  • Calculator
  • IBM PC
  • Digital Clock

Key Features:

  • Fast and accurate processing
  • Cost-effective
  • Stores large amounts of data
  • Supports multitasking
  • Works using digital signals (0 and 1)

6. Hybrid Computer

A hybrid computer combines the features of both analog and digital computers. It accepts analog data, converts it to digital, then processes it.

These are used in places where high-speed and accurate calculations are required, like hospitals, airplanes, and scientific labs.

Examples:

  • Speedometer
  • Thermometer
  • Auto Gasoline Pump

Key Features:

  • High-speed processing
  • Accurate results
  • Solves complex equations
  • Helps process online data in real-time

7. Super Computer

Supercomputers are the most powerful and fastest computers in the world. They are used to process huge data sets and perform billions of calculations per second.

They are commonly used for weather forecasting, scientific research, and nuclear simulations.

The first supercomputer was developed by Roger Cray in 1976.

Examples:

  • PARAM 8000 (India’s first supercomputer)
  • IBM Summit
  • Sunway TaihuLight
  • Tianhe-2
  • Cray Trinity

Key Features:

  • Very large and powerful
  • Extremely fast performance
  • High storage and memory capacity
  • Can decrypt data for security
  • Used in nuclear testing and medical research

8. Workstation

A workstation is a high-performance computer designed for professional tasks like video editing, 3D animation, and scientific applications.

It has a powerful processor, large RAM, and a high-speed graphics adapter, making it suitable for demanding tasks.

Examples:

  • UNIX-based Sun
  • Compaq
  • SGI Workstation

Key Features:

  • More expensive than regular PCs
  • Designed for complex tasks
  • Delivers high-quality graphics
  • Large storage capacity

9. Personal Computer (PC)

A personal computer is a small, affordable device designed for individual use. It helps in everyday tasks like watching movies, writing documents, or doing office work.

It includes a CPU, memory, input, and output devices. It is often referred to as a microcomputer.

Examples:

  • Desktop
  • Notebook
  • Tablet
  • Smartphone

Key Features:

  • Compact and easy to carry
  • Easy to use and learn
  • Designed for single-user use
  • Limited software usage based on need

Types of Computer in Hindi – कंप्यूटर के प्रकार

कंप्यूटर के मुख्य रूप से 9 प्रकार होते हैं जिनके बारें में नीचे दिया गया है:-

  1. माइक्रो कंप्यूटर (Micro Computer)
  2. मिनी कंप्यूटर (Mini Computer)
  3. मेनफ़्रेम कंप्यूटर (Mainframe Computer)
  4. एनालॉग कंप्यूटर (Analog Computer)
  5. डिजिटल कंप्यूटर (Digital Computer)
  6. हाइब्रिड कंप्यूटर (Hybrid Computer)
  7. सुपर कंप्यूटर (Super Computer)
  8. वर्कस्टेशन (Workstation)
  9. पर्सनल कंप्यूटर (PC)

1- Micro Computer (माइक्रो कंप्यूटर)

  • माइक्रो कंप्यूटर एक छोटा कंप्यूटर होता है जिसका इस्तेमाल एक समय में केवल एक व्यक्ति ही कर सकता है.
  • दूसरे शब्दों में कहें तो, “माइक्रो कंप्यूटर एक बहुत ही छोटा कंप्यूटर होता है जिसमें CPU के स्थान पर माइक्रोप्रोसेसर का इस्तेमाल किया जाता है। अर्थात् इसका CPU माइक्रोप्रोसेसर से बना होता है”
  • इस कंप्यूटर का आकार mini और mainframe computer से काफ़ी छोटा होता है।
  • माइक्रो कंप्यूटर वजन में हल्के होते हैं और इनका मूल्य (price) भी बहुत कम होता है.
  • यह एक मल्टीटास्किंग कंप्यूटर है अर्थात् इसमें हम एक समय में बहुत सारें कार्य कर सकते हैं जैसे कि – इंटरनेट चलाना, word में काम करना और गाने सुनना आदि।
  • सबसे पहले Micro Computer का निर्माण 1970 के दशक में हुआ था.
  • इस कंप्यूटर का इस्तेमाल घरेलू उपकरणों (home appliances) जैसे :- माइक्रोवेव, टीवी, रेफ्रिजरेटर आदि में किया जाता है।
  • दुनिया के पहले माइक्रोकंप्यूटर का नाम माइक्रल था, जिसे Intel 8008 माइक्रोप्रोसेसर का उपयोग करके बनाया गया था।

माइक्रो कंप्यूटर के उदाहरण –

  1. Smart watch (समार्ट वाच)
  2. Laptop (लैपटॉप)
  3. Desktop (डेस्कटॉप)
  4. Tablet (टेबलेट)
  5. Smart phone (स्मार्ट फ़ोन)

माइक्रो कंप्यूटर की विशेषताएं

1- इसका आकार काफी छोटा होता है। इसलिए इसे आसानी से कही पर भी ले जाया जा सकता है।

2- इसे आसानी से ख़रीदा जा सकता है। क्योंकि इनकी कीमत बहुत ही कम होती है।

3- इसका प्रयोग केवल एक व्यक्ति के द्वारा किया जा सकता है।

4- इसमें semiconductor chip (अर्धचालक चिप) का उपयोग किया जाता है।

5- इसमें अलग अलग प्रकार के सॉफ्टवेयर को रन किया जा सकता है।

2- Mini Computer (मिनी कंप्यूटर)

  • मिनी कंप्यूटर एक विशेष प्रकार का कंप्यूटर होता है जिसका आकार ना ज्यादा छोटा होता है और ना ही ज्यादा बड़ा होता है। अर्थात् यह कंप्यूटर माइक्रो कंप्यूटर से बड़ा होता है लेकिन मेनफ्रेम कंप्यूटर से छोटा होता है।
  • दूसरे शब्दों में कहें तो, “मिनी कंप्यूटर मध्यम आकार का कंप्यूटर होता है जिसमें सामान्य कंप्यूटर की सभी विशेषताएं शामिल होती है।”
  • मिनी कंप्यूटर एक multi-user कंप्यूटर होता है, इसका मतलब यह है कि इसे एक समय में बहुत सारें यूजर इस्तेमाल कर सकते हैं.
  • मिनी कंप्यूटर एक multi-tasking कंप्यूटर भी होता है, इसका मतलब यह है कि इसमें हम एक समय में एक से ज्यादा कार्य कर सकते हैं.
  • मिनी कंप्यूटर micro computer से अधिक शक्तिशाली होता है परन्तु यह मेनफ़्रेम और सुपर कंप्यूटर की तुलना में कम शक्तिशाली होती है.
  • मिनी कंप्यूटर को 1960 के दशक में IBM (इंटरनेशनल बिज़नस मशीन) के द्वारा विकसित किया था.
  • Mini computer एक मल्टीप्रोसेसिंग कंप्यूटर है इसमें 2 या 2 से अधिक प्रोसेसर का इस्तेमाल किया जाता है.

मिनी कंप्यूटर के उदाहरण – 

  1. IBM AS/400
  2. Honeywell 200
  3. Motorola 68040
  4. MV 1500

मिनी कंप्यूटर की विशेषताएं

1- मिनी कंप्यूटर काफी हल्के होते है जिसके कारण इन्हे कही पर भी ले जाया जा सकता है।

2- यह मेनफ्रेम कंप्यूटर की तुलना में कम खर्चीला है। अर्थात् ये सस्ते होते हैं.

3- यह काफी तेज गति से कार्यो को करता है।

4- एक बार चार्ज करने पर यह लम्बे समय तक चलता है।

5- यह कंप्यूटर एक समय में 4 से 200 यूजर को सपोर्ट करता है।

3- Mainframe Computer (मेनफ़्रेम कंप्यूटर)

  • मेनफ़्रेम कंप्यूटर एक विशेष प्रकार का कंप्यूटर होता है जिसका आकार बहुत ही बड़ा होता है और इसमें बहुत बड़ी मात्रा में डेटा को स्टोर किया जा सकता है।
  • यह बहुत ही शक्तिशाली कंप्यूटर है इसका आकार और कार्यक्षमता mini और micro computer की तुलना में अधिक होता है।
  • मेनफ्रेम कंप्यूटर में बहुत सारें माइक्रोप्रोसेसर का इस्तेमाल किया जाता है इसलिए इसमें डेटा को प्रोसेस करने की स्पीड बहुत ही अधिक होती है।
  • मेनफ़्रेम कंप्यूटर एक multi-user कंप्यूटर होता है इसलिए इसका इस्तेमाल एक समय में एक से अधिक यूजर कर सकते हैं.
  • इसको 1950 के दशक में IBM (इंटरनेशनल बिज़नेस मॉडल) के द्वारा विकसित (develop) किया गया था।
  • इसका प्रयोग बड़ी कम्पनियो और सरकारी ऑफिस में अधिक मात्रा में डेटा को स्टोर करने के लिए किया जाता है.
  • मेनफ़्रेम कंप्यूटर की सबसे बड़ी ख़ासियत यह है कि यह बिना रुके दिन के 24 घंटे काम कर सकता है.

मेनफ़्रेम कंप्यूटर के उदाहरण

  1. IBM zSeries
  2. System z9
  3. System z10
  4. ICL 39
  5. CDC Cyber

मेनफ़्रेम की विशेषताएं

1- मेनफ़्रेम कंप्यूटर काफी महंगे होते है।

2- इसकी performance काफी अच्छी होती है।

3- इनकी स्टोरेज क्षमता अधिक होती है। अर्थात् यह बहुत बड़ी मात्रा में डेटा को स्टोर कर सकता है.

4- यह विश्वसनीय (reliable) होता है जो काफी लम्बे समय तक चलते है।

5- मेनफ़्रेम कंप्यूटर में प्रोसेस के दौरान त्रुटि (error) होने की संभावना बहुत कम होती है। यदि किसी वजह से त्रुटि होती है तो यह प्रदर्शन को प्रभावित किए बिना उसे तुरंत ठीक कर देता है।

4- Analog Computer (एनालॉग कंप्यूटर)

  • एनालॉग कंप्यूटर एक विशेष प्रकार का कंप्यूटर है जिसका उपयोग एनालॉग डेटा को प्रोसेस करने के लिए किया जाता है।
  • दूसरे शब्दों में कहें तो, “एनालॉग कंप्यूटर एक ऐसा कंप्यूटर होता है जिसके द्वारा भौतिक मात्राओं को मापने के लिए किया जाता है। इसका इस्तेमाल electric current (विद्युत प्रवाह), frequency (तीव्रता) और resistance (प्रतिरोध) को मापने के लिए किया जाता है।”
  • सरल शब्दों में कहें तो, “वह कंप्यूटर जिसके द्वारा भौतिक मात्राओं को मापा जाता है उसे एनालॉग कंप्यूटर कहते है। भौतिक मात्राएं – तापमान, दाब, गति, लंबाई और चौड़ाई आदि होती है।”
  • एनालॉग कंप्यूटर का इस्तेमाल हम दैनिक जीवन में रेफ्रिजरेटर, स्पीडोमीटर जैसे डिवाइसों में करते है। इसके अलावा इनका इस्तेमाल हवाई जहाज, पनडुब्बियों (submarines) में भी किया जाता है।
  • Analog computer का इस्तेमाल पेट्रोल पंप में, वैज्ञानिक कार्यों में, और टेलीफोन लाइन आदि में किया जाता है.

एनालॉग कंप्यूटर के उदाहरण –

  1. Speedometer (स्पीडोमीटर) – यह एक एनालॉग कंप्यूटर है जिसका इस्तेमाल कार की स्पीड को measure (मापने) के लिए किया जाता है।
  2. Auto Gasoline Pump (ऑटो गैसोलिन पंप) – यह पेट्रोल की मात्रा को कैलकुलेट करता है और इसके साथ साथ यह पेट्रोल के मूल्य को भी कैलकुलेट करता है।
  3. Thermometer (थर्मोमीटर) – यह भी analog Computer है जिसका इस्तेमाल हॉस्पिटल में मरीज के तापमान (temperature) को मापने के लिए किया जाता है।

एनालॉग कंप्यूटर की विशेषताएं

1- यह कंप्यूटर ट्रांसड्यूसर की मदद के बिना गणना करने की अनुमति देता है।

2- इसमें बहुत सारी वैल्यू को एक साथ कैलकुलेट किया जा सकता है।

3- एनालॉग कंप्यूटर के कार्य करने की स्पीड काफी धीमी होती है।

4- एनालॉग कंप्यूटर ज्यादातर मैकेनिकल या इलेक्ट्रिकल मशीन होते हैं जो जोड़, गुणा, घटाव और भाग जैसे कार्य कर सकते हैं।

5- Digital Computer (डिजिटल कंप्यूटर)

  • वह कंप्यूटर जो बाइनरी संख्या (0 और 1) पर काम करते है, उसे डिजिटल कंप्यूटर कहा जाता है।
  • डिजिटल कंप्यूटर किसी भी काम को करने के लिए बाइनरी नंबर (0, 1) का उपयोग करता है क्योंकि यह कंप्यूटर केवल अंकों यानी 0 और 1 को समझता है.
  • डिजिटल कंप्यूटर के पास स्टोरेज डिवाइस होता है जिसके द्वारा ये बड़ी मात्रा में डेटा स्टोर करने में सक्षम होते हैं. इनकी प्रोसेसिंग स्पीड भी बहुत तेज होती है और इनका इस्तेमाल दैनिक जीवन में भी किया जाता है.
  • सबसे पहले डिजिटल कंप्यूटर को 1940 के दशक में विकसित किया गया था. तब इसे सिर्फ गणितीय कार्य करने के लिए ही विकसित किया गया था.
  • आज के समय में इसका प्रयोग सिर्फ गणितीय कार्य करने के लिए ही नहीं किया जाता बल्कि इसका प्रयोग बहुत सारें कार्यों को करने के लिए किया जाता है.

डिजिटल कंप्यूटर के उदाहरण –

  1. Apple Mac
  2. Calculator (कैलकुलेटर)
  3. IBM PC
  4. Digital Clock (डिजिटल घड़ी)

डिजिटल कंप्यूटर की विशेषताएं

1- डिजिटल कंप्यूटर में हम बड़ी मात्रा में जानकारी को स्टोर कर सकते हैं।

2- यह स्टोर डेटा को आवश्यकता के अनुसार पुनप्राप्त (retrieve) कर सकता है।  

3- यह ज्यादा महंगे नहीं होते।

4- यह तेज गति से कार्यो को पूरा करता है।

5- इसमें डेटा को डिजिटल रूप में संसाधित (process) किया जाता है।

6- यह multi-tasking होता है अर्थात् इसमें हम एक समय में बहुत सारें कार्य एक साथ कर सकते हैं.

6- Hybrid Computer (हाइब्रिड कंप्यूटर)

  • हाइब्रिड कंप्यूटर एक ऐसा कंप्यूटर है जिसमें एनालॉग और डिजिटल दोनों कंप्यूटरों की विशेषताएं शामिल होती है।
  • दूसरे शब्दों में कहें तो, “हाइब्रिड कंप्यूटर एक ऐसा कंप्यूटर होता है जिसे analog और digital कंप्यूटर को आपस में मिलाकर बनाया गया है। हाइब्रिड कंप्यूटर में इन दोनों कंप्यूटरों की कार्यक्षमता (functionality) होती हैं।”
  • हाइब्रिड कंप्यूटर का इस्तेमाल बहुत ही ज्यादा कठिन गणना (calculation) करने के लिए किया जाता है।
  • हाइब्रिड कंप्यूटर एनालॉग डेटा को प्राप्त करता है और उन्हें प्रोसेस करने से पहले डिजिटल डेटा में बदल देता है। सरल शब्दो में कहे तो हाइब्रिड कंप्यूटर एनालॉग डेटा को डिजिटल डेटा में कन्वर्ट करने का काम करता है।
  • इस कंप्यूटर का इस्तेमाल पेट्रोल पम्प, हवाई जहाज, हॉस्पिटल और वैज्ञानिक कार्यों में किया जाता है।

हाइब्रिड कंप्यूटर के उदाहरण –

1- Speedometer (स्पीडोमीटर) – यह एक हाइब्रिड कंप्यूटर है जिसका इस्तेमाल कार की स्पीड को measure (मापने) के लिए किया जाता है।

2- Thermometer (थर्मोमीटर) – यह भी hybrid Computer है जिसका इस्तेमाल हॉस्पिटल में मरीज के तापमान (temperature) को मापने के लिए किया जाता है।

3- Auto Gasoline Pump (ऑटो गैसोलिन पंप) – यह पेट्रोल की मात्रा को कैलकुलेट करता है और इसके साथ साथ यह पेट्रोल के मूल्य को भी कैलकुलेट करता है।

हाइब्रिड कंप्यूटर की विशेषताएं

1- हाइब्रिड कंप्यूटर काफी तेज होती है जो तेज गति से  गणना करते है।

2- यह यूजर को सटीक (accurate) परिणाम दिखाता है।

3- यह बड़ी बड़ी equation को हल करने में सक्षम होता है।

4- यह ऑनलाइन डेटा को प्रोसेस करने में मदद करता है।

7- Super Computer (सुपर कंप्यूटर)

  • सुपर कंप्यूटर आकार में सबसे बड़े होते है। यह काफी तेज कंप्यूटर होते है जो अपने कार्यो को बहुत कम समय में पूरा कर देते है।
  • सुपर कंप्यूटर का उपयोग बड़ी मात्रा में डेटा को प्रोसेस करने के लिए किया जाता है।
  • ये कंप्यूटर बहुत ही आधुनिक होते हैं जिनका इस्तेमाल विशेष प्रकार के कार्यों को करने के लिए किया जाता है.
  • ये दुनिया के सबसे शक्तिशाली कंप्यूटर होते हैं. सुपर कंप्यूटर की स्पीड को FLOPS (Floating Point Operation Per Second) में मापा जाता है.
  • यह एक सेकंड में अरबों निर्देशों (instructions) को प्रोसेस कर सकता है। इस कंप्यूटर में हजारो प्रोसेसर एक साथ आपस में जुड़े होते है जिसकी वजह से इस कंप्यूटर के काम करने की स्पीड तेज होती है।
  • सुपर कंप्यूटर का इस्तेमाल वैज्ञानिक और इंजीनियरिंग से संबंधित कार्यो के लिए भी किया जाता है जैसे :- Weather Forecasting (मौसम की भविष्यवाणी करना) , और परमाणु ऊर्जा अनुसंधान (nuclear energy research) में आदि।
  • पहला सुपर कंप्यूटर 1976 में रोजर क्रे (Roger Cray) के द्वारा विकसित (develop) किया गया था। इस कंप्यूटर का उपयोग चिकित्सा परीक्षणों (medical tests) के लिए भी किया जाता है।

सुपर कंप्यूटर के उदाहरण –

  1. परम 8000 (भारत का पहला super computer )
  2. IBM Summit
  3. Sunway TaihuLight
  4. NUDT Tianhe-2
  5. Cray HPE Trinity

सुपर कंप्यूटर की विशेषताएं

1- यह कंप्यूटर काफी बड़े आकार (size) के होते है।

2- यह काफी महंगे कंप्यूटर होते है।

3- सुपर कंप्यूटर के कार्य करने की गति (स्पीड) काफी तेज होती है।

4- यह एक सेकंड में अरबो खरबो गणना करने में सक्षम होता है।

5- सुपर कंप्यूटर की सुरक्षा बढ़ाने के लिए पासवर्ड को डिक्रिप्ट (Decrypt) किया जा सकता है।

6- इसका इस्तेमाल परमाणु हथियारों को टेस्ट करने के लिए किया जाता है।

8– Workstation (वर्कस्टेशन)

  • वर्कस्टेशन कंप्यूटर एक विशेष प्रकार का कंप्यूटर होता है जिसमें सामान्य कंप्यूटर की तुलना में अधिक प्रोसेसिंग पावर होती है। आप वर्कस्टेशन में एक सामान्य कंप्यूटर से ज्यादा काम कर सकते हैं।
  • वर्कस्टेशन में एक तेज माइक्रोप्रोसेसर होता है, जिसमें बड़ी मात्रा में रैम और हाई स्पीड ग्राफिक एडॉप्टर होता है जो कार्य करने की स्पीड बढ़ाता है।
  • यह एक सिंगल यूजर कंप्यूटर है जिसका अविष्कार वर्कस्टेशन तकनीक और वैज्ञानिक अनुप्रयोगों के लिए किया गया है। यह अपने कार्यो को बड़ी सटीकता (accuracy) के साथ करता है।
  • एक वर्कस्टेशन वीडियो एडिटिंग, हाई ग्राफिक्स में गेम खेलना, और 3D एनीमेशन जैसे कठिन काम कर सकता है।

वर्कस्टेशन के उदाहरण

  1. Unix-based Sun
  2. Compaq
  3. SGI Workstation

वर्कस्टेशन की विशेषताएं

1- वर्कस्टेशन काफी महंगे होते है।

2-  इसका इस्तेमाल जटील (complex) कार्यो को पूरा करने के लिए किया जाता है।

3- यह सामान्य कंप्यूटर की तुलना में बेहतर ग्राफिक्स  प्रदान करता है।

4- इनकी स्टोरेज छमता भी काफी ज्यादा होती है।

9– PC (Personal Computer)

  • पर्सनल कंप्यूटर एक छोटा और सस्ता कंप्यूटर होता है जिसका इस्तेमाल एक समय में केवल एक व्यक्ति ही कर सकता है.
  • इस कंप्यूटर का निर्माण सामान्य कार्यों को पूरा करने के लिए किया गया है। यह व्यक्तिगत उदेश्यो को पूरा करता है जैसे :- असाइनमेंट पूरा करना, मूवी देखना, या ऑफिस के काम करना आदि।
  • इस कंप्यूटर में सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट (सीपीयू), मेमोरी, इनपुट यूनिट और आउटपुट यूनिट होता है.
  • पर्सनल कंप्यूटर को माइक्रो कंप्यूटर भी कहते हैं.

 

पर्सनल कंप्यूटर के उदाहरण –

  1. डेस्कटॉप
  2. नोटबुक
  3. टेबलेट
  4. स्मार्टफोन

पर्सनल कंप्यूटर की विशेषताएं

1- पर्सनल कंप्यूटर में सीमित संख्या में सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया जा सकता है।

2- इसका आकार काफी छोटा होता है।

3- यह व्यक्तिगत उपयोग के लिए डिज़ाइन किया गया है।

4- इसको उपयोग करना काफी आसान होता है।

5- इसे सीखना भी काफी सरल है।

 

 

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