Explain a Types of Printers .

Types of Printers in Hindi – प्रिंटर के प्रकार

Printers come in many different types, each with its own features and uses. Below are the most common types of printers explained in simple Hindi.


1. Inkjet Printer (इंकजेट प्रिंटर)

Inkjet printers are non-impact printers that spray tiny drops of ink on paper to print text and images. These are commonly used in homes and offices for tasks like school projects and photocopies.

Key Features:

  • Uses CMYK ink: Cyan, Magenta, Yellow, and Black.

  • Available in both wired and wireless versions.

  • Introduced by Hewlett-Packard in 1976.

Advantages:

  • Affordable and easy to use.

  • Works silently.

  • Compact and easy to store.

Disadvantages:

  • Slower than laser printers.

  • Ink cartridges are costly.

  • Limited print capacity.

  • Wet ink takes time to dry.


2. Laser Printer (लेज़र प्रिंटर)

Laser printers use laser beams instead of ink to print on paper. These are fast, efficient, and perfect for large-volume printing.

Key Features:

  • Also called page printers.

  • Used in offices, schools, and hospitals.

  • Introduced by Gary Starkweather in 1971.

Advantages:

  • Prints multiple pages quickly.

  • Durable and high performance.

  • Quiet and energy-efficient.

Disadvantages:

  • Costlier than inkjet printers.

  • Not compatible with all paper types.

  • Bulky in size.

  • High energy usage.


3. 3D Printer (3D प्रिंटर)

3D printers print objects in three dimensions using a method called additive manufacturing. They’re used in fields like aerospace, healthcare, and art.

Key Features:

  • Developed by Chuck Hull in 1984.

  • Works based on digital data from a computer.

Advantages:

  • Can print complex designs.

  • Lightweight and easy to move.

  • Fast and long-lasting.

Disadvantages:

  • Limited printing materials.

  • High electricity and resin costs.

  • Still under development.


4. LED Printer (एलईडी प्रिंटर)

LED printers work like laser printers but use LED lights instead of lasers for printing. They’re faster and more reliable in many cases.

Key Features:

  • Introduced by OKI in 1989.

  • Can print over 700 pages per minute.

Advantages:

  • Fast and power-efficient.

  • Low production cost.

  • Can handle 3D printing in some cases.

Disadvantages:

  • Less durable.

  • Not very popular among users.


5. Dot Matrix Printer (डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर)

Dot Matrix printers use an ink ribbon and a print head to print characters. These are impact printers and were commonly used in the past.

Key Features:

  • Introduced by IBM in 1957.

  • Used today in delivery and auto-part businesses.

Advantages:

  • Long-lasting and reliable.

  • Low printing cost.

  • Easily available.

Disadvantages:

  • Slow and noisy.

  • Poor print quality.

  • Low resolution.


6. Solid Ink Printer (सॉलिड इंक प्रिंटर)

These printers use solid ink blocks instead of liquid ink. They’re compact and cost-effective.

Key Features:

  • Prints by transferring ink to a drum first.

  • Introduced by Tektronix Inc.

Advantages:

  • Great print quality.

  • Easy to handle and fast printing.

  • Takes up less space than laser printers.

Disadvantages:

  • Can’t run continuously.

  • High power usage.

  • Needs time to reheat if turned off during printing.


7. Multifunction Printer (मल्टीफंक्शन प्रिंटर)

Also called all-in-one printers, they can print, scan, copy, and send faxes. These are ideal for home and office use.

Key Features:

  • Saves money and space.

  • Supports both wired and wireless connections.

Advantages:

  • Budget-friendly.

  • Saves electricity with one power source.

  • Space-saving.

Disadvantages:

  • Maintenance is costly.

  • Uses more ink than other printers.

  • Works on FIFO (first-in, first-out), so you may have to wait.


8. Thermal Printer (थर्मल प्रिंटर)

These printers use heated pins to print on thermal paper. They’re widely used in banking, retail, airlines, and healthcare.

Key Features:

  • Invented by Jack Kilby.

  • Fast and budget-friendly.

Advantages:

  • Quiet and fast printing.

  • Easy to use and maintain.

  • Easily available in the market.

Disadvantages:

  • Needs thermal paper.

  • Costly if the printhead breaks.


9. Plotter Printer (प्लॉटर प्रिंटर)

Plotters are used to print vector graphics on large surfaces like plastic, steel, or paper. They’re ideal for engineers and designers.

Key Features:

  • Introduced in 1953 by Remington-Rand.

  • Types: Drum, Flatbed, Electrostatic, Inkjet, Cutting plotters.

Advantages:

  • High-quality printing.

  • Can print on different surfaces.

Disadvantages:

  • Very large in size.

  • Expensive to buy.

Types of printer in Hindi – प्रिंटर के प्रकार

प्रिंटर के बहुत सारेँ प्रकार होते हैं जिनके बारें में नीचे दिया गया है-

  1. Inkjet Printer (इंकजेट प्रिंटर)
  2. Laser Printer (लेज़र प्रिंटर)
  3. 3D Printer (3D प्रिंटर)
  4. LED Printer (एलईडी प्रिंटर)
  5. Dot Matrix Printer (डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर)
  6. Solid Ink Printer (सॉलिड इंक प्रिंटर)
  7. Multifunction Printer (मल्टीफंक्शन प्रिंटर)
  8. Thermal Printer (थर्मल प्रिंटर)
  9. Plotter Printer (प्लॉटर प्रिंटर)

1- Inkjet Printer (इंकजेट प्रिंटर)

इंकजेट प्रिंटर एक नॉन-इंपैक्ट प्रिंटर है जो कागज को प्रिंट करने के लिए स्याही (ink) का उपयोग करता है।

इंकज़ेट प्रिंटर एक ऐसा प्रिंटर है जिसमें कागज को प्रिंट करने के लिए स्याही (ink) की छोटी बूंदों को स्प्रे (spray) किया जाता है। अर्थात “इंकजेट प्रिंटर कागज पर स्याही का छिड़काव करता है और text और चित्रों को कागज पर प्रिंट करता है।”

यह प्रिंटर कागज पर चीजों को प्रिंट करने इंकजेट तकनीक का प्रयोग करता है।

इसका इस्तेमाल मुख्य रूप से घरों और ऑफिस में किया जाता है। इस प्रिंटर का इस्तेमाल छोटी सामग्री को प्रिंट करने के लिए किया जाता है जैसे :- कोई स्कूल प्रोजेक्ट, फोटोकॉपी आदि।

इस प्रिंटर का आविष्कार 1976 में हेवलेट-पैकार्ड (Hewlett-Packard) के द्वारा किया गया था। यह प्रिंटर 1980 के दशक में ज्यादा लोकप्रिय थे।

यह प्रिंटर कागज को प्रिंट करने के लिए चार प्रकार के रंगो का उपयोग करते है:- Cyan (सियान), Magenta (मैजेंटा), Yellow (पीला) और Black (काला) .

यह वायर्ड और वायरलेस दोनों तरीको से कंप्यूटर के साथ कनेक्ट हो सकता है। यह केबल या Wi – Fi के माध्यम से कंप्यूटर के साथ कनेक्ट हो सकता है।

इंकजेट प्रिंटर के कुछ लोकप्रिय उदहारण है :- Canon Inkjet Printer, और HP Inkjet Printer आदि।

Advantages of Inkjet Printer in Hindi – इंकजेट प्रिंटर के फायदे

1- इंकजेट प्रिंटर सस्ते होते है जिन्हे आसानी से खरीदा जा सकता है।

2- इन प्रिंटरों का उपयोग करना आसान होता है जिसमे ज्यादा तकनिकी ज्ञान की आवश्यकता नहीं पड़ती।

3- यह सामग्री को प्रिंट करते वक़्त कम आवाज (noise) पैदा करता है जिसके कारण यूजर एक अच्छा अनुभव प्राप्त होता है।

4- इस प्रिंटर का उपयोग लगातार किया जा सकता है।यह बिना किसी रुकावट के कार्य कर सकता है .

5- इसका आकार छोटा होता है जिसके कारण इसे रखने के लिए ज्यादा जगह की आवश्यकता नहीं पड़ती।

Disadvantages of Inkjet Printer in Hindi – इंकजेट प्रिंटर के नुकसान

1- यह लेज़र प्रिंटर की तुलना में चीज़ो को प्रिंट करने में ज्यादा समय लगाता है।

2- इस प्रिंटर में एक ink cartridges का उपयोग किया जाता है जो काफी महंगे होते है।

3- इन प्रिंटर की क्षमता कम होती है। यह एक समय में बहुत ज्यादा चीज़ो को प्रिंट नहीं कर सकते।

4- इसमें गीली स्याही का उपयोग किया जाता है जिसके कारण इसे सूखने में ज्यादा समय लगता है।

2- Laser Printer (लेज़र प्रिंटर)

Laser printer एक नॉन-इंपैक्ट प्रिंटर है जिसमें कागज की स्याही (paper ink) के स्थान पर लेजर बीम या light (प्रकाश) का उपयोग किया जाता है।

लेजर प्रिंटर को पेज प्रिंटर के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि यह एक बार में पुरे पेज को प्रिंट कर सकता है।

लेजर प्रिंटर हाई क्वालिटी में चित्रों और text को प्रिंट करता है और यह colorful (रंगीन) प्रिंटिंग करता है। इसलिए आजकल इनका इस्तेमाल सबसे ज्यादा किया जाता है।

लेज़र प्रिंटर का उपयोग मुख्य रूप से प्रिंटिंग, स्कैनिंग, फोटोकॉपी और फ़ैक्स जैसे कार्यो में किया जाता है।

इस प्रिंटर को 1971 में Gary Starkweather के द्वारा पेश (introduce) किया गया था। इस प्रिंटर का उपयोग पहली बार 1980 में PC (पर्सनल कंप्यूटर) में किया गया था। उस समय यह प्रिंटर स्टैंडअलोन प्रिंटर (standalone printer) के नाम से लोकप्रिय था।

यह प्रिंटर तेज गति से प्रिंटिंग करता है इसलिए इसका इस्तेमाल ज्यादातर उन स्थानों में किया जाता है जहां पर कम समय में बड़ी मात्रा में चीज़ो को प्रिंट करने की आवश्यकता होती है। जैसे :- स्कूल, दुकान और हॉस्पिटल आदि।

लेज़र प्रिंटर का रिज़ॉल्यूशन (resolution) 600 DPI (डॉट्स पर इंच) या उससे अधिक होता है।

लेज़र प्रिंटर के कुछ लोकप्रिय उदहारण :- HP color LaserJet Pro M225dw और Brother HL-L2350DW आदि हैं।

Advantages of Laser printer in Hindi – लेज़र प्रिंटर के फायदे

1- लेज़र प्रिंटर के कार्य करने की क्षमता अधिक होती है जिसके कारण यह एक समय में कई पेजो को प्रिंट कर पाता है।

2- यह प्रिंटर टिकाऊ (durable) होते है जो लम्बे समय तक चलते है।

3- इसकी performance काफी अच्छी होती है।

4- यह तेज गति से चीज़ो को प्रिंट करता है।

5- यह प्रिंटर चीजों को प्रिंट करते वक़्त ज्यादा आवाज नहीं करता।

Disadvantages of Laser Printer in Hindi – प्रिंटर के नुकसान

1- ये इंकजेट प्रिंटर की तुलना में महंगे होते है।

2- इसमें सभी प्रकार के पेपर का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता।

3- इस प्रिंटर का आकार बड़ा होता है जिसके कारण इसे रखने के लिए ज्यादा जगह की आवश्यकता पड़ती है।

4- यह प्रिंटर हाई क्वालिटी के ग्राफ़िक्स प्रिंट कर सकता है लेकिन उन्हें संभाल (handle) नहीं सकता।

5- यह अधिक मात्रा में बिजली की खपत (consume) करता है।

3- 3D Printer (3D प्रिंटर)

3D Printer एक नया और एडवांस प्रिंटर है जिसका उपयोग 3D में चित्रों और text को प्रिंट करने के लिए किया जाता है।

दुसरे शब्दो में कहे तो “यह एक ऐसा प्रिंटर है जिसका इस्तेमाल करके three dimensional वाली चीजों को प्रिंट किया जा सकता है।”

यह प्रिंटर चीज़ो को प्रिंट करने के लिए एक प्रक्रिया का उपयोग करता है जिसका नाम एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग (additive manufacturing) है।

3D प्रिंटर का उपयोग इनफार्मेशन सिस्टम , aerospace engineering (अंतरिक्ष इंजिनीयरिंग), dentistry (दंत चिकित्सा), और biotechnology (जैव प्रौद्योगिकी) में किया जाता है।

इसका उपयोग ज्यादातर कलाकारों, इंजीनियरों, ग्राफिक डिजाइनरों और क्रिएटिव लोगो के द्वारा किया जाता है। इस प्रिंटर को 1984 में Chuck Hull के द्वारा विकसित (develop) किया गया था।

3D printer को CAM (कंप्यूटर एडेड मैन्युफैक्चरिंग) डिवाइस भी कहते है जो इनपुट के रूप में कंप्यूटर से डिजिटल डेटा प्राप्त करता है।

Advantages of 3D printer in Hindi – 3D प्रिंटर के फायदे

1- यह प्रिंटर अधिक लचीला (flexible) होता है जो जटील से जटील डिजाइनों को आसानी से प्रिंट कर देता है।

2- ये काफी हल्के होते है जिन्हे एक स्थान से दुसरे स्थान में रखना आसान होता है।

3- इसका उपयोग करना आसान होता है।

4- अन्य printers की तुलना में यह काफी तेज गति से कार्यो को करता है।

5- यह प्रिंटर अधिक समय तक चलते है ये जल्दी खराब नहीं होते।

Disadvantages of 3D Printer in Hindi – 3D प्रिंटर के नुकसान

1- इस प्रिंटर में उपयोग की जाने वाली सामग्री सीमित (limited) होती है।

2- इस प्रिंटर ने मशीन के उपयोग को बड़ा दिया है जिसके कारण श्रम लागत (labor cost) काफी कम हो गई है।

3- यह प्रिंटर ज्यादा मात्रा में बिजली की खपत (consume) करता है।

4- इसकी राल लागत (resin cost) अधिक है।

5- 3D प्रिंटर अभी पूरी तरीके से विकसित (develop) नहीं हुए है। यह प्रिंटर अभी अपनी तकनीकों को विकसित कर रहा है और उनमे सुधार कर रहा है

4– LED Printer (एलईडी प्रिंटर)

LED printer वह प्रिंटर होता है जो कागज पर सामग्री को प्रिंट करने के लिए LED Light का उपयोग किया जाता है।

सरल शब्दो में कहे तो यह एक ऐसा प्रिंटर है जो कागज में चीज़ो को प्रिंट करने के लिए लेज़र के स्थान पर LED प्रकाश (light) का उपयोग करता है।

यह प्रिंटर लेज़र प्रिंटर के समान होता है जो चीज़ो को प्रिंट करने के लिए non impact तकनीक का उपयोग करता है।

LED प्रिंटर का आविष्कार 1989 में OKI के द्वारा किया गया था। यह प्रिंटर लेज़र प्रिंटर की तुलना में अधिक कुशल (efficient) और विश्वसनीय (reliable) होते है।

LED प्रिंटर का आकार छोटा और बड़ा दोनों हो सकता है। यह प्रिंटर एक मिनट में 700 या उससे अधिक पेजो को प्रिंट करने की क्षमता रखता है।

इस प्रिंटर का इस्तेमाल साधारण और रंगीन दोनों प्रकार के डॉक्यूमेंट्स को प्रिंट करने के लिए किया जाता है।

LED प्रिंटर के कुछ उदहारण है :- Kodak LED printer और Oki LED printhead आदि।

Advantages of LED Printer in Hindi – एलईडी प्रिंटर के फायदे

1- यह लेज़र प्रिंटर की तुलना में काफी तेज होता है।

2- यह चीज़ो को प्रिंट करने के लिए बहुत कम मात्रा में बिजली की खपत (consume) करता है।

3- इसे बनाने में कम खर्चा आता है।

4- यह प्रिंटर 3D सामग्री को प्रिंट करने में सक्षम होते हैं।

5- इस प्रिंटर की छमता अधिक होती है जिसके कारण यह एक मिनट में 700 से अधिक पेजो को प्रिंट कर पाता है।

Disadvantages of LED Printer in Hindi – एलईडी प्रिंटर के नुकसान

1- यह प्रिंटर ज्यादा लम्बे समय तक नहीं चल पाते।

2- यह कम लोकप्रिय है जिसके कारण यूजर इनका इस्तेमाल बहुत कम करते है।

5- Dot Matrix Printer (डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर)

Dot Matrix Printer एक प्रकार का प्रिंटर है जो स्याही (ink) वाले रिबन के द्वारा चित्रों और अक्षरों को प्रिंट करता है।

डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर एक इंपैक्ट प्रिंटर है जो एक समय में केवल एक अक्षर (character) को ही प्रिंट करता है। इस प्रिंटर में एक head होता है जो चित्रों और अक्षरों को प्रिंट करने के लिए दायें से बाएं और बाएं से दाये घूमता है।

इस प्रिंटर को पहली बार 1957 में IBM (इंटरनेशनल बिज़नेस मशीन) के द्वारा प्रस्तावित (introduce) किया गया था।

आजकल डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर का इस्तेमाल बहुत कम किया जाता है क्योकि यह उच्च गुणवत्ता (high quality) की चीजों को प्रिंट नहीं कर सकता। वर्तमान समय में इन प्रिंटर का उपयोग पैकेज डिलीवरी कंपनी और ऑटो पार्ट स्टोर में किया जाता है।

डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर को इम्पैक्ट मैट्रिक्स प्रिंटर के नाम से भी जाना जाता है जो एक समय में कई टेक्स्ट फाइलों को प्रिंट करने में सक्षम होते है। इस प्रिंटर का इस्तेमाल multipart और address labels को प्रिंट करने के लिए किया जाता है।

डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर के कुछ उदहारण:- TVS HD 250, और Epson FX— 890N आदि है।

Advantages of Dot Matrix Printer in Hindi – डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर के फायदे

1- यह प्रिंटर लम्बे समय तक चलते है।

2- इस प्रिंटर की क्षमता अधिक होती है।

3- लेज़र और इंकजेट प्रिंटर की तुलना में इसकी छपाई की लागत (printing cost) कम होती है।

4- यह प्रिंटर लेज़र और इंकजेट प्रिंटर की तुलना में अधिक विश्वसनीय (reliable) होते है।

5- ये बाजार में आसानी से मिल जाते है।

Disadvantages of Dot Matrix Printer in Hindi – डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर के नुकसान

1- यह धीमी गति से चीज़ो को प्रिंट करता है।

2- यह हाई क्वालिटी वाली चीज़े प्रिंट नहीं कर सकता।

3- यह चीज़ो को प्रिंट करते वक़्त ज्यादा शोर करता है।

4- इसकी performance अच्छी नहीं होती।

5- इस प्रिंटर का resolution बहुत कम होता है।

6– Solid Ink Printer (सॉलिड इंक प्रिंटर)

यह एक प्रकार का प्रिंटर है जो सामग्री को प्रिंट करने के लिए ठोस स्याही (solid Ink) का इस्तेमाल करता है।

दूसरे शब्दो में कहे तो सॉलिड इंक प्रिंटर एक ऐसा प्रिंटर है जो चीज़ो को प्रिंट करने के लिए स्याही तकनीक (ink technology) का उपयोग करता है।

सॉलिड इंक प्रिंटर को बनाने का मुख्य उदेश्य जगह और पैसे बचाना था। क्योकि यह प्रिंटर बहुत कम जगह का उपयोग करता है और बहुत सस्ता भी होता है।

यह इंकजेट प्रिंटर के समान होता है लेकिन इन दोनों में एक अलग बात है। इंकजेट प्रिंटर सीधे स्याही को कागज पर फैलाता है लेकिन सॉलिड इंक प्रिंटर ऐसा नहीं करता, यह चीज़ो को प्रिंट करने के लिए drum पर स्याही का छिड़काव करता है।

इस प्रिंटर को बजार में टेक्ट्रोनिक्स इंक.(Tektronics Inc.) के साथ प्रस्तावित (introduce) किया गया था।

Advantages of Solid ink Printer in Hindi – सॉलिड इंक प्रिंटर के फायदे

1- इस प्रिंटर की quality अच्छी होती है। यह उच्च कॉलिटी वाली चीज़ो को प्रिंट करने में सक्षम होता है।

2- इस प्रिंटर को handle करना आसान होता है।

3- यह प्रिंटर चीज़ो को तेज गति से प्रिंट करता है।

4- इस प्रिंटर में स्याही को load करना आसान होता है।

5- यह लेजर प्रिंटर की तुलना में कम जगह लेता है।

Disadvantages of Solid ink printer in Hindi – सॉलिड इंक प्रिंटर के नुकसान

1- इसका उपयोग लगातार नहीं किया जा सकता है।

2- लेज़र प्रिंटर की तुलना में यह अधिक मात्रा में बिजली की खपत करते है।

3- इसे यदि छपाई करते वक़्त बीच में बंद कर दिया जाये तो इसे फिर से गर्म होने में ज्यादा समय लगता है।

7- Multifunction Printer (मल्टीफंक्शन प्रिंटर)

मल्टीफ़ंक्शन प्रिंटर एक हार्डवेयर डिवाइस है जो विभिन्न प्रकार के कार्यो को करता है जैसे :- प्रिंटिंग, स्कैनिंग, फ़ैक्सिंग और कॉपी।

यह प्रिंटर बहुत से प्रकार के कार्यो को करता है इसलिए इसे मल्टीफ़ंक्शन प्रिंटर या ऑल-इन-वन प्रिंटर कहते है।

यह प्रिंटर व्यवसाय के लिए लोकप्रिय होते है क्योकि यह लागत (cost) को बचाते है और वर्कफ़्लो में सुधार करते है।

इस प्रिंटर कंप्यूटर के साथ कनेक्ट करने के लिए वायर्ड और वायरलेस दोनों तरीके का उपयोग करता है। इस प्रिंटर का उपयोग ऑफिस और घरो में विभिन्न प्रकार के कार्यो को पूरा करने के लिए किया जाता है।

Advantages of Multifunction Printer in Hindi – मल्टीफंक्शन प्रिंटर के फायदे

1- इसकी कीमत कम होती है।

2- यह प्रिंटर घरो और ऑफिस के लिए फायदेमंद होते है जो कई कामो को कर सकते है।

3- यह लेज़र प्रिंटर की तुलना में तेज होते है।

4- इस प्रिंटर को रखने के लिए ज्यादा जगह की आवश्यकता नहीं पड़ती।

5- इस प्रिंटर को ऊर्जा देने के लिए केवल एक ही केबल का उपयोग किया जाता है जिसके कारण बिजली की बचत होती है।

Disadvantages of Multifunction in Hindi – मल्टीफंक्शन के नुकसान

1- इसे मेन्टेन करने में ज्यादा पैसे खर्च होते है।

2- अन्य प्रिंटर की तुलना में ज्यादा स्याही का उपयोग करता है जिसके कारण ज्यादा पैसे खर्च होते है।

3- यह प्रिंटर कार्यो को करने के लिए FIFO (फर्स्ट इन फर्स्ट आउट) नियम का उपयोग करता है जिसके कारण यूजर को प्रतीक्षा करनी पड़ती है।

8 – Thermal printer (थर्मल प्रिंटर)

थर्मल प्रिंटर एक ऐसा प्रिंटर है जिसका आविष्कार Jack Kilby के द्वारा किया गया था। यह प्रिंटर कागज पर चीज़ो को प्रिंट करने के लिए गर्म पिन (hot pins) का इस्तेमाल करता है।

इस प्रिंटर को लेक्ट्रोथर्मल प्रिंटर, थर्मल ट्रांसफर प्रिंटर या थर्मल वैक्स-ट्रांसफर प्रिंटर के नाम से भी जाना जाता है।

थर्मल प्रिंटर का उपयोग मुख्य रूप से बैंकिंग, एयरलाइन, किराना, मनोरंजन, खुदरा (retail), स्वास्थ्य उद्योग (healthcare industries) जैसी जगहों में किया जाता है।

अन्य प्रिंटर की तुलना में यह काफी सस्ते होते है और तेज गति से चीज़ो को प्रिंट करते है। यह चित्रों को प्रिंट करने के लिए थर्मल पेपर का उपयोग करते है।

इस प्रिंटर का उपयोग बड़ी कंपनियों में किया जाता है क्योकि यह बिना रुके चीज़ो को प्रिंट करने में सक्षम होता है।

Advantages of Thermal Printer in Hindi – थर्मल प्रिंटर के फायदे

1- यह तेज गति से चीजों को प्रिंट कर सकता है।

2- यह सस्ते होते है।

3- इन प्रिंटर में लगातार चीज़ो को प्रिंट किया जा सकता है।

4- इसका उपयोग करना आसान है।

5- यह चीज़ो को प्रिंट करते वक़्त शोर नहीं करता।

6- यह आसानी से मार्किट में मिल जाते है।

Disadvantages of Thermal Printer in Hindi – थर्मल प्रिंटर के नुकसान

1- इस प्रिंटर में यदि printhead टूट जाता है तो यूजर को उसे बदलना पड़ेगा या नया प्रिंटर खरीदना पड़ेगा।

2- इनका उपयोग करने के लिए थर्मल पेपर को खरीदना पड़ता है।

9- Plotter Printer (प्लॉटर प्रिंटर)

प्लॉटर एक हार्डवेयर डिवाइस होता है जिसका इस्तेमाल ग्राफ़िक्स को प्रिंट करने के लिए किया जाता है।

प्लॉटर प्रिंटर का अविष्कार 1953 में Remington-Rand के द्वारा किया गया था। इसका उपयोग हार्डवेयर कॉपी के लिए भी किया जाता है।

इसके बहुत से प्रकार होते है जैसे :- ड्रम प्लॉटर , फ्लैटबेड प्लॉटर , इलेक्ट्रोस्टेटिक प्लॉटर , इंकजेट प्लॉटर और कटिंग प्लॉटर।

Advantages of Plotter in Hindi – प्लॉटर के फायदे

1- यह प्लॉटर उच्च गुणवत्ता वाली चीज़ो को प्रिंट करता है।

2- इस प्रिंटर की छमता अधिक होती है।

3- यह चीज़ो को किसी भी फ्लैट शीट पर प्रिंट कर सकता है जैसे :- शीट, स्टील, प्लास्टिक, एल्यूमीनियम, प्लाईवुड, और कागज आदि।

Disadvantages of Plotter in Hindi – प्लॉटर के नुकसान

1- प्लॉटर का आकार काफी बड़ा होते है जिसके कारण इसे रखने में ज्यादा जगह की आवश्यकता पड़ती है।

2- यह प्रिंटर महंगे होते है।

 

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